Tuesday, June 7, 2011

खुशियों को मिल जाये ख़ुशी..!!!

कमज़ोर नहीं मैं इतना भी,
बस ह्रदय ज़रा सा भावुक है ..
मन की बातें तो कह भी दूँ ,
पर दिल तो बिल्कुल ही मूक है..

कुछ स्वप्न में देखा था तुमको ,
था वास्तव का एहसास नहीं ..
पर देखा जब नयनों से,
तो सोचा तुम क्यों पास नहीं ..





















मैं साहस से साहस करता ,
उस चंदा को छू लेने की ..
यह सोच के भी मैं डर जाता ,
उसको प् कर खो देने की...

है मज़ा को मिलता मज़ा नहीं ,
जो मिल जाये कुछ ऐसे ही ...
खुशियों को मिल जाये ख़ुशी ,
आ गले लगो तुम जैसे ही...!!!



























----August '10 (during a journey  from Kolkata to my native village)..

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